मैत्रीपुल एसएसबी पोस्ट लगते ही पकड़ मेें आया पहला मानव तस्करी का केस
उत्तर प्रदेश न्यूज डिजिटल
निखिल राज अनुमंडल ब्यूरों चीफ रक्सौल/ भारत-नेपाल बॉर्डर एक रास्ते एक 40 वर्षीय शादीशुदा इमरान खान एक 17 वर्षीय लड़की को नेपाल ले जाने की कोशिश में था। किंतु मानव तस्करी रोधी इकाई क्षेत्रक मुख्यालय एसएसबी कार्यालय की नज़रों से ना बच सका और पकड़ा गया। सीमा पर बने मैत्रीपुल पर एसएसबी पोस्ट की तैनाती होते ही तीसरे दिन ही पकड़ में आ गया। बताते चले कि पहले ये एसएसबी पोस्ट कस्टम के पीछे इंडियन आयल के पास ही रहती थी तो सभी ई-रिक्शा, वाहनो, लोगों को की स्क्रीनिंग नहीं हो पाती थी, पर अब सभी वाहनो, ई रिक्शा, लोगों को एसएसबी पोस्ट के सामने से हो कर गुज़रना पड़ रहा है। इसलिए एसएसबी की निगरानी और अधिक अच्छी हो गयी है तो ये 40 वर्षीय इमरान खान भी आम यात्रियों की तरह ही नाबालिग लड़की को ले कर निकल रहा था, तभी मानव तस्करी रोधी इकाई टीम की नज़र इस पर पड़ी तो हल्का सा संदेह हुआ तो इसे रोक लिया गया।
फिर एनजीओ प्रयास एड जुबेनाइल सेंटर रक्सौल को नाबालिग लड़की की काउंसिलिंग करने के लिए बुलाया गया। जब इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा ने पूछताक्ष की तब मे पता चला कि ये व्यक्ति विदेश में कुवैत में काम करता है और उसके 05 बच्चें एक बीवी है।
एक गरीब नाबालिग लड़की के सम्पर्क मे आया और उसको नेपाल घुमाने के लिए और खूब खर्चा करने का लालच दे कर नेपाल ले जाने की कोशिश कर रहा था। बताते चलें कि मानव तस्करी में लिप्त लोग सबसे पहले पीड़ितों का भरोसा जीतते हैं और इसके लिए वो एक दो वर्ष का समय और पैसा खर्च करते हैं फिर जब अवसर मिलता है लड़कियों को नर्क जैसी जिंदगी में झोंक देते हैं। रेडलाइट एरिया में अधिकतर लड़कियाँ ऐसे ही लोगों के द्वारा फंसा कर लाई जाती हैं। जिला समव्यक आरती कुमारी ने जब लड़की की काउंसिलिंग की तो पता चला कि लड़की को कई दिन से बोल रहा था कि नेपाल घूमने चलना, लेकिन लड़की ने पहले मना कर दिया था किंतु बाद में लड़की झांसे में आ गयी और नेपाल जाने को तैयार हो गयी। जबकि नाबालिग लड़की के माता पिता लड़की को हर तरफ खोज रहे थे। बाद में जब लड़की के पिता आये तो भाव विभोर हो गए आँखो में आँसू भर कर मानव तस्करी रोधी इकाई एसएसबी का बहुत बहुत धन्यवाद दिया।
पकड़े गए व्यक्ति और नाबालिग लड़की को ओ. पी हरैया पुलिस को अग्रिम कार्यवाही के लिए सौंप दिया गया।

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