![शिक्षा में प्रो.अजय और बिजय का योगदान अतुलनीय । शिक्षा में प्रो.अजय और बिजय का योगदान अतुलनीय ।](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgWU0s1Ls4UJ8d3AJmBgPWkmXBatEKDbv3R4vn_wZz_hZI2VXRtvcsOh_XkFGv4RFwp955BG5xbAT1rTFkDVQcRM6YKXj4LaZf_JbGTp94t_CMg8TMbQTr7f1lhWD7Lcbvtlcfa3WzZkSgNXymsQpG9LDhGyashUiLtStEC-u_Bzy9sfEenxf5rxptgYSM/s320/IMG-20240506-WA0476.jpg)
शिक्षा में प्रो.अजय और बिजय का योगदान अतुलनीय ।
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बरहज,देवरिया । राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है । युवा वर्ग में राष्ट्र प्रेम की भावना भरना और संस्कारवान तथा चरित्रवान बनाना आदर्श शिक्षक का महत्वपूर्ण कार्य है । शिक्षक कभी सेवानिवृत नहीं होता बल्कि सेवा नियमावली के अनुसार सेवा से विरत होने के बाद समाज के प्रति उसका दायित्व और अधिक बढ़ जाता है । इस दृष्टि से शिक्षा के क्षेत्र में पूर्व प्राचार्य, विश्वविद्यालय के कार्य परिषद , विद्या परिषद , संकाय परिषद और परीक्षा समिति के सदस्य प्रोफेसर अजय कुमार मिश्र और दर्शन शास्त्र के प्रो विजय प्रकाश पांडे का योगदान अतुलनीय है । स्थानीय बाबा राघवदास भगवानदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय आश्रम बारा बरहज देवरिया में सेवानिवृत्त हो रहे दोनों आचार्यों के सम्मान में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उक्त उद्गार डॉक्टर अरुण कुमार त्रिपाठी ने बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किया ।विशिष्ट अतिथि प्रोफ़ेसर वी पी उपाध्याय और डॉ रवींद्र उपाध्याय ने कहा की अपनी अगाध विद्वत्ता और कुशल प्रशासनिक क्षमता के कारण प्रो अजय मिश्र छात्र छात्राओं शिक्षकों और कर्मचारियों मे तो लोकप्रिय रहे ही पूरे परिक्षेत्र में भी इनकी लोकप्रियता व्यापक रही है । अपनी सूझ-बूझ और तर्कशक्ति के द्वारा डॉक्टर पाण्डे ने विद्यार्थियों के जिज्ञासा को शांत किया है। महाविद्यालय परिवार को इन दोनों विद्वान आचार्यों की सेवा निवृति खलेगी । अध्यक्षीय सम्बोधन में पूर्व प्रधानाचार्य गणेश मिश्र ने कहा अपने विराट व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बल पर अकादमिक जगत में प्रो. मिश्रा ने जो ख्याति अर्जित की है वह विहले लोगों को नसीब होती है ।समाज के प्रति अब इनकी ज़िम्मेदारी और अधिक बढ़ जाएगी । सम्मान समारोह को डॉक्टर विनीत पांडेय प्रोफ़ेसर दर्शना श्रीवास्तव लेफ़्टिनेंट डॉ. अमित चतुर्वेदी, डॉक्टर अब्दुल हसीब, डॉक्टर संजीव जायसवाल, डॉक्टर अजय बहादुर, डॉक्टर अनुज श्रीवास्तव, डॉक्टर प्रभु कुमार, डॉक्टर प्रज्ञा त्रिपाठी, डॉ अविकल शर्मा तथा फूफुकता प्रतिनिधि डॉक्टर वेद प्रकाश सिंह और कुमारी कंचन त्रिपाठी आदि ने संबोधित करते हुए कहा कि वे अपनी अनुशासनप्रियता तथा कुशल प्रशासनिक क्षमता के प्रति प्रतिबद्धता के कारण प्रोफ़ेसर अजय मिश्रा ने कीर्तिमान स्थापित किया वहीं डॉ पांडे ने दर्शन शास्त्री के रूप में अपनी पहचान बनायी है । इस अवसर पर प्रोफ़ेसर अजय मिश्रा ने महाविद्यालय और छात्र छात्राओं से जुड़ी अनेक पुराने स्मृतियों को रखते हुए सेवाकाल के दौरान सहयोग करने वाले सभी अंग्रजों सहकर्मियों शिक्षकों कर्मचारियों एवं छात्र छात्राओं के प्रति आभार व्यक्त किया है । उन्होंने कहा कि शिक्षक से प्राचार्य पद की ज़िम्मेदारी के निर्वहन के दौरान सभी का सहयोग सराहनीय रहा ।उन्होंने प्राचीन इतिहास के छात्र छात्राओं द्वारा दिए गए सम्मान को अपना जीवन काल की पूंजी बताया और भविष्य में भी उन्हें हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया । प्रोफ़ेसर विजय पांडे ने भी सभी के प्रति आभार व्यक्त किया । कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुआ ।पंडित विनय ने मंगलाचरण अंकिता तिवारी और अंजली मिश्र ने सरस्वती बंदना तथा कुमारी महिमा चौरसिया और आफ़रीन जहान स्वागत गीत प्रस्तुत किया । शोध छात्रों आंसर अहमद राजेश विश्वकर्मा और ईश्वर चंद द्वारा स्मृति चिह्न और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया ।इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्रा कुमारी पलक उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत शानदार कत्थक नृत्य को सभागार में उपस्थित सैकड़ों लोगों ने सराहा ।कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में छात्र छात्राएँ शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहे ।सम्मान समारोह को नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अजीत जयसवाल मुरारी अग्रवाल रविंद्र मिश्र मनीष श्रीवास्तव आदि ने भी संबोधित किया । प्रदीप शुक्ला द्वारा प्रस्तुत विदाई गीत ने माहौल को भाबुक बना दिया । एनसीसी कैडेटों ने मार्चपास्ट कर सम्मान व्यक्त किया जबकि प्राचीन इतिहास विभाग के छात्र छात्राओं ने भी विभाग से सभागार तक फूलों की पंखुड़ियों से सभी अतिथियों का सम्मान किया।
UPN न्यूज चैनल बरहज देवरिया। जिला ब्यूरो गजानन्द मौर्य
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