
कटान पीड़ित किसानों ने जोत भूमि की पैमाइस को लेकर तहसील दिवस में दिए प्रार्थना पत्र।
शिकायत के दस दिन बीतने के बाद भी नहीं हुई जमीनों की पैमाइश
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के हजार का मामला।
कई वर्षों पूर्व शारदा नदी के कटान की विभीषिका का शिकार हुए दर्जनों किसानों की भूमि शारदा नदी के आगोश में चली गई! कटान के पश्चात नदी द्वारा छोड़ी गई जमीनों को चिन्हित किए बगैर अनुमानित तौर पर जोत फसल लगाया गया! तभी से आँकड़ों के अनुसार खेतों की जुताई कमोवेश किया जा रहा है जिसकी दर्जनों किसानों ने सामूहिक रूप से अपनी जमीनों की पैमाइस कराने की मांग अधिकारियों से किया है !विकासखंड पूरनपुर के शारदा पार हजारा इलाके की कबीरगंज व ग्राम पंचायत श्रीनगर के मजरा आजादनगर के दर्जनों किसानों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर आवेदन दर्ज कराया है कि दो दशक पूर्व शारदा नदी के कटान में उनकी कृषि योग्य जमीनें नदी में समा गई!जोत की जमीनें नदी में कटने के बाद उनके परिवारों पर आर्थिक संकट छा गया जिसमें कितने लोग बेघर हो गए थे I वर्षो बाद नदी की धार दूसरी ओर बढ़ने से इनकी जमीनें एकसमान हो गई जिसके उपरांत एक अनुमान से अपनी-अपनी जोत भूमि पर खेती-बाड़ी शुरू किए! किन्तु कागजों में दर्ज रकबा के हिसाब से जमीनें पूर्ण ना होने पर कई बार सामूहिक रूप से कटान प्रभावित जमीनों की पैमाइश करानी चाही लेकिन प्राकृतिक आपदा व अराजक तत्वों के मिलीभगत से अभी तक पैमाइश नहीं हो सकी है! जिसके चलते बीते कई वर्षों से काग़जों में दर्ज भूमि रकबा के अनुसार आधी-अधूरी जमीनें जोतकर किसान फसल लगाकर आर्थिक नुकसान झेलने को मजबूर हो रहे है वहीं किसानों को आशंका है कि पूर्व वर्षों की भांति पैमाइश की प्रक्रिया को राजस्व प्रशासन द्वारा प्राकृतिक आपदाओं का हवाला देकर रोका जा सकता है!
गांव के चन्द्रभान,शमशाद,संदीप कुमार, कुर्बान अली, शिव सागर,आफताब, शिव नन्दन, हरद्वारी लाल, गुलाम मोहम्मद, सूरजभान समेत अन्य किसानों ने सामूहिक रूप से पूरनपुर में आयोजित तहसील दिवस व मुख्यमंत्री पोर्टल, जिलाधिकारी पीलीभीत, अपर जिलाधिकारी पीलीभीत, उप जिलाधिकारी पूरनपुर, मानवाधिकार आयोग को पत्र भेजकर अपनी समस्याओं को दर्शाते हुए जमीनों की पैमाइश कराने की मांग की है!
UPN TV
जिला ब्यूरो मिथिलेश वर्मा
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