माघ मास के प्रमुख मौनी अमावस्या को लेकर श्रद्धालुओं लाखों के तालाब में पहुंचे बाल्मीकि नगर।
वाल्मीकि नगर /कृष्णा कुमार/ ब्लॉक रिपोर्टर/ पश्चिम चंपारण/ बिहार।
माघ मास के प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या को लेकर सद्दालू में उत्साह व भक्ति का भाव है। इसके साथ ही आपको बता दे की भारत-नेपाल सीमा पर स्थित पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर में मौनी अमावस्या को लेकर तीनों नदिया के संगम पर स्नान करने के लिए लाखों के तादात में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है।दरअसल, भक्त यहां माघ माह के मौनी अमावस्या के मौके पर श्रद्धा की डुबकी लगाएंगे और विभिन्न शिवालयों और विष्णु भगवान के मंदिर में जलाभिषेक करेंगें। आपको बता दें कि
मौनी अमावस्या के दिन त्रिवेणी संगम में स्नान करने को लेकर वाल्मीकीनगर में भक्तों की भीड़ आने लगा है।बिहार, यूपी और नेपाल के विभिन्न इलाकों से श्रद्धालु ट्रैक्टर, बैलगाड़ी और बस के माध्यम से इंडो नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकीनगर पहुंच रहे हैं. प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी मौनी अमावस्या माघ मेला में लाखों श्रद्धालुओं का जत्था पहुंचा है।शुक्रवार की अहले सुबह से हीं गंडक नदी के त्रिवेणी संगम तट पर भक्त आस्था की डुबकी लगाएंगे और गौ दान, तिल के साथ चावल और रुपए दान कर पूजा अर्चना करेंगे. बता दें कि माघ मेला में नेपाल और इंडिया दोनों तरफ गंडक नदी के तट पर हर साल लाखों की संख्या में भक्त स्नान दान करते हैं. क्योंकि गंडक नदी विश्व की एकमात्र ऐसी नदी है जिसके गर्भ में शालीग्राम पत्थर पाया जाता है. इस नदी में सोनभद्र, ताम्रभद्र और नारायणी का पवित्र मिलन होता है. यही वजह है कि इसे प्रयागराज के बाद देश का दूसरा त्रिवेणी संगम होने का गौरव प्राप्त है।

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