
महिला उत्पीड़न पर सुनवाई करने जनपद पहुंची राज्य आयोग की सदस्या
अधिकारियों के साथ डीआरडीए सभागार में 25 शिकायतीपत्रों पर की सुनवाई
लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में पत्रकारों से हुई रूबरू बताई प्राथमिकता ज्वलंत मामलों पर नहीं दे पाईं जवाब
संवाददाता मोहम्मद सद्दाम बाराबंकी। महिला उत्पीड़न के मामलों की रोकथाम एवं जनसुनवाई के माध्यम से पीड़ित महिलाओं को तत्कालित न्याय दिलाने के लिये सोमवार को उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्या श्रीमती अंजू प्रजापति ने जनपद पहुंचकर 25 शिकायती पत्रों पर कलेक्ट्रेट परिसर स्थित डीआरडीए सभागार में सुनवाई की। तो सुनवाई बाद मीडिया से लोकनिर्माण विभाग के सर्किट हाउस में रूबरू हुई। बता दें पारदर्शिता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आन लाईन किए जाने की कवायत जहां मूर्त होती नजर आ रही है। तो वहीं तमाम आयोगों की बंद कक्षों में अधिकारियों के बीच सुनवाई में क्या हुआ को लेकर उन्हीं के अधीनस्थों की रिपोर्ट को मीडिया में भेजा जाना पारदर्शिता या हिटलरी मानसिकता पर सवाल उठा रहा है। वैसे भी जनपद में मीडिया के सूचना विभाग के ग्रुप का ओनली फॉर एडमिन मोड स्वयं अपारदर्शी व्यवस्था को बीते 3-4 वर्षों से सवालों के घेरे में हैं। बताते चलें सर्किट हाउस में मीडिया द्वारा बडेल स्थित ओयो होटल के पीछे युवती की लाश के साथ सुबेहा में जबरन दुराचार व उसका वीडियो बना दुराचारी के मित्र द्वारा वायरल करने की धमकी देते हुए शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाने पर महिला द्वारा जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या के प्रयास बाद परिवारीजनों की शिकायत पर पुलिस की लचर कार्रवाई पर सवाल का वाजिब जवाब नहीं दे पाईं। एसपी बाराबंकी से बात कल बात घुमाने का प्रयास किया। जनसुनवायी से पहले सर्वप्रथम जिला महिला चिकित्सालय का निरीक्षण कर वहाँ की स्थिति का जायज़ा लिया एवं वहाँ नवजात कन्याओं और उनकी माताओं को किट वितरित किया। जिसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोठी का निरीक्षण करते हुए सीएचसी अधीक्षक को साफ़ सफ़ाई के लिए फटकार लगाई। इसी क्रम में विकासखंड हरख में दो आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करते हुए सदस्या ने वृद्धाश्रम का निरीक्षण किया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) इंद्रसेन, जिला प्रोबेशन अधिकारी, क्षेत्राधिकारी सुमित त्रिपाठी, बाल संरक्षण अधिकारी हरीश मोहन पांडेय, महिला थानाध्यक्ष व सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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