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जनसुनवाई में लापरवाही पर अधिकारियों के विरुद्ध जिलाधिकारी की कड़ी कार्रवाई

जनसुनवाई में लापरवाही पर अधिकारियों के विरुद्ध जिलाधिकारी की कड़ी कार्रवाई

 



 56 से अधिक विभागीय अधिकारियों के वेतन रोकने व स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश शिकायत करता की गलत आख्या लगाने पर ग्राम सचिव निलंबित।

ब्यूरो चीफ सद्दाम राईन बाराबंकी।कलेक्ट्रेट लोक सभागार में जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी की अध्यक्षता में जनसुनवाई पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों एवं सन्दर्भों के निस्तारण की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अन्ना सुदन, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अरुण कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी न्यायिक राजकुमार यादव, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम रामनगर सुश्री गुंजिता अग्रवाल सहित समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदार व जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा लगातार यह निर्देश दिए जाते हैं कि जन शिकायतों का त्वरित और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण अधिकारियों की सर्वोच्च प्राथमिकता हो। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशानुरूप सभी विभागीय अधिकारी जन शिकायतों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे इस कार्य मे किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नही होगी।

बैठक के दौरान समीक्षा में यह सामने आया कि 56 विभागों ने प्राप्त शिकायतों का निस्तारण स्पेशल क्लोजिंग के अंतर्गत दर्ज कर प्रकरणों का शत-प्रतिशत निस्तारण किया। जिलाधिकारी ने सख्ती दिखाते हुए आदेश दिए कि ऐसे सभी विभागीय अधिकारियों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोका जाए और उनसे स्पष्टीकरण तलब किया जाए। इसमें कृषि, समाज कल्याण, खाद्य एवं रसद, विद्युत, सिंचाई और पंचायती राज जैसे प्रमुख विभाग सम्मिलित पाए गए।

बैठक से बिना अनुमति अनुपस्थित पाए गए ए0आर0 कोऑपरेटिव, एक्सईएन जल निगम (ग्रामीण), एस0ओ0सी0 चकबंदी और ईओ नगर पालिका नवाबगंज के विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इन अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि व वेतन बाधित करते हुए शो कॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए।

कुछ विभागों द्वारा प्रस्तुत की गई जांच आख्या त्रुटिपूर्ण पाई गई। इस पर जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारी बंकी को ग्राम पंचायत ढ़कौली के शिकायत कर्ता की शिकायत में गलत आख्या लगाने के सबन्ध में प्रतिकूल प्रविष्टि देने और संबंधित ग्राम सचिव को निलंबित करने के आदेश दिए। इसके अलावा पशु चिकित्सा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई करने तथा तीन दिवस के भीतर आख्या प्रस्तुत करने के सख्त निर्देश दिए गए।जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज प्रत्येक प्रकरण में शिकायतकर्ता से संपर्क अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि निस्तारण की आख्या अपलोड करने से पूर्व संबंधित अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि आवेदक से फोन कॉल अथवा व्यक्तिगत भेंट के माध्यम से संवाद स्थापित किया गया है और उसकी संतुष्टि सुनिश्चित की गई है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि केवल उन्हीं प्रकरणों को स्पेशल क्लोज किया जाय जिनका निस्तारण संभव नही है इसके अलावा सभी प्रकरणों को गुणवत्ता पूर्ण निस्तारित किया जाय।

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