12 सदसीय जापान के प्रसिद्ध मौंकों होमा नंदनगढ़ पहुंचकर पूजा अर्चना की।
लौरिया,आशीष, जिला मीडिया प्रभारी पश्चिमी चम्पारण,बिहार।
12 सदसीय जापानी मौकों में सीनसुके,एनोमोतो,मिस स्यूदा, निसीकावा, मिसेज सतो, सुब्रोई, रविए सु आदि थे।
जापान देश के शोरेंजी टेंपल के सुप्रसिद्ध मॉन्क मित्सुओ होमा अपने अन्य सहयोगियों के साथ बुधवार को लौरिया के नंदनगढ़ और अशोक स्तंभ का दर्शन किया। मिस्टर होमा के साथ एक दर्जन अन्य जापान देश के विभिन्न टेंपलों के मॉन्क भी आए थे। इधर मॉन्क मिस्टर होमा ने द्विभाषीए और केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय से भेजे गए गाइड कुलदीप दीक्षित के माध्यम से बताया कि लौरिया का नंदनगढ़ विश्वप्रसिद्ध है। इस बौद्ध स्तूप पर भगवान बुद्ध अग्नि पर विस्थापित हैं। यह अन्य बौद्ध स्तूपों में से एक अलग और सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध स्तूप है। इस नंदनगढ़ के बौद्धिक स्तूप पर आने के लिए सभी बौधिष्ट लालायित रहते हैं। भगवान बुद्ध हमारे और हमारे देश के आराध्य देव हैं। वहीं दूसरे मॉन्क हनसिल ने कहा कि वे यहां पांचवीं बार भगवान बुद्ध का दर्शन करने आए हैं। इस स्थल पर पहुंचकर बुद्ध का दर्शन करने से हमें आत्मीयता तो मिलती ही है, साथ ही एक ऐसी अनुभूति होती है कि यहां पहुंचकर हमने सबकुछ पा लिया है। अब हमें और कुछ नहीं चाहिए। द्विभाषीय श्री दीक्षित ने बताया कि जापान से सभी मॉन्क दस दिवसीय बौद्ध यात्रा पर निकले हैं। ये वैशाली, केसरिया,अरेराज होते हुए लौरिया अशोक स्तंभ और बौद्ध स्तूप नंदनगढ़ होते हुए कुशीनगर ,लुंबनी,श्रावस्ती के रास्ते आगरा होकर दिल्ली पहुंच जाएंगे। उसके बाद वापस जापान चले जाएंगे।

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