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भला यह दाल इतनी कम गलना छोड़ देती है बदन होता है पुराना दिल की फितरत कब बदलती है पुराना कूकर क्या सिटी लगाना छोड़ देता है

भला यह दाल इतनी कम गलना छोड़ देती है बदन होता है पुराना दिल की फितरत कब बदलती है पुराना कूकर क्या सिटी लगाना छोड़ देता है




बाराबंकी। रामनगर।लोधेश्वर महादेवा संस्कृतिक क्लब रामनगर पीजी कॉलेज में द्वितीय साहित्य रत्न सम्मान समारोह एवं विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि युवा भाजपा नेता गौरीकांत दीक्षित ने दीप मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर कार्यक्रम शुभारंभ किया कार्यक्रम का सुंदर संचालन कवि निर्भय निश्चल ने किया। जिसमें विभिन्न जनपद सहित क्षेत्र कवियों ने हास्य रस,वीर रस भक्ति रस आदि भाव विभोर कविताओं का कवि पाठ कर लोगों को खूब हंसाया और तालिया एवं वाह वाही बटोरी कवित्री जागृति रावत ने राधा कृष्ण के प्रेम पर कविता पढ़ा ,,मेरे कंधा तेरा जवाब नहीं कोई तुमसा नहीं जमाने में वही शिवम् मिश्र ने पढ़ा हम भारत मां के अभिनन्द को गाएंगे हम भारत....... में जय चन्द नहीं पालने देंगे प्रीति सिंह ने पढ़ा किसी उलझे हुई राही बनो संदीप कटियार लखीमपुर ने मां के बंटवारे पर सुनाया दिल के हर दर्द को मां टाल देती थी लगी जब ठंड तो मां साल देती थी हम तो एक मां को पाल सके नहीं मां पता नहीं कैसे चार चार पाल लेती थीं बहन भाई के प्रेम पर सुनाया जाती हो घर छोड़कर दीदी अपने भाई की उंगली पागल पागल कौन रहेगा किसको कहूंगी मैं पगली मेरे हर एक गलती को पापा से कौन छुपएगा झगड़ झगड़ के मेरी रोटी में हिस्सा कौन लगाएगा भाल चंद्र त्रिपाठी ने पढ़ा मुझे इन बंगलो में दम घुटा जाएं मुझे वह गाँव का पुराना घर ढूंढ लेने दो कवि सूर्यांश ने पढ़ा राम की कसम अस्मिता पर आंख उठी राम की कसम आंख फोड़ देंगे। गोपाल राधे ने सुनाया वे जो दरबार में बुलाए गे फ़िर किस्मत को चमकाएंगे नसों को काटने की भूमिका बनाते हैं वह अपनी शान समझते हैं नया मेहमान समझते हैं मुझे जब जब मुश्किलों में कुछ कर नहीं पाते फिर भी इज्जत छल देते है कवि प्रमोद ने पढ़ा कौन कहता है इश्क का सिलसिला नहीं होता आम तब तक मजा नहीं देता जब तक पिल्पिला नहीं होता सुनाया भला यह दाल इतनी कम गलना छोड़ देता है बदन होता है पुराना दिल की फितरत कब बदलती है पुराना कुकर क्या सीटी बजाना छोड़ देता हैं सहित डॉक्टर अमरीश अंबर शिवेश राजा शिवम मिश्रा आदि कवियों ने विभिन्न रचनाओं कर लोगों ने खूब हंसाया लोगों ने तालिया बजाई। मुख्य अतिथि गौरी कांत दीक्षित ने कहा जो हमें प्राप्त है वहीं पर्याप्त है मातारानी की कृपा है। विद्यालय परिवार को अगर किसी जरूरतमंदछात्र की फीस या लाइब्रेरी से संबंधित आवश्यकता तो वह हमें लिख कर दे मैं पूरा करने के लिए केंद्र सरकार तक आपकी बात पहुंचाने का काम करूंगा इस मौके पर प्राचार्य कौशलेंद्र विक्रम सिंह , राजमाता मडणीनी सिंह, डॉ संजय सिंह, अमित कुमार तिवारी, रंजीत वर्मा राम कुमार लोधी भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे ।

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