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नाइट ब्लड सर्वें की शुरुआत के पूर्व हुआ लैब टेक्निशियन का प्रशिक्षण
•23 प्रखंड के रैंडम एवं सेंटिनल साइटों पर होगा नाईट ब्लड सर्वे
निखिल राज ब्यूरों चीफ रक्सौल/ फाईलेरिया नियंत्रनार्थ पूर्वी चम्पारण जिला अन्तर्गत 23 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में नाईट ब्लड सर्वे का आयोजन होना हैं। जिसकी प्रस्तावित तिथि-04.01.2024 हैं। जिले में नाईट ब्लड सर्वे के सफल संचालन के पूर्व सदर अस्पताल मोतिहारी स्थित आरटीसी प्रशिक्षण केन्द्र में पूर्व में प्रशिक्षण प्राप्त प्रयोगशाला प्रावैधिक को छोडकर बाकी सभी स्वास्थ्य संस्थानों से नामित दल में बीसीएम एवं लैब टेक्नीशियन का प्रशिक्षण कराया गया। प्रशिक्षण के दौरान जिला भीबीडीसीओ डॉ. शरत चन्द्र शर्मा, डब्लूएचओ के ज़ोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. माधुरी देवराजू ने जिले के उपस्थित लैब टेक्नीशियन को रक्त के नमूनों की जांच के तरीकों और स्लाइड के बनाने, रख रखाव व उसकी स्वच्छता के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि इस जांच के लिए सैंपल रात में 8:30 बजे के बाद और 12 बजे से पहले लिया जाएगा। उन्होंने बताया की इस दौरान आशा व अन्य स्वास्थ्य कर्मी लोगों को नाइट ब्लड सर्वें में आकर रक्त की जाँच करवाने के लिए जागरूक करेंगे, इस कार्य में जनप्रतिनिधि भी सहयोग करेंगे।
जिला भीबीडीसीओ डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने कहा की पूरे जिले में नाईट ब्लड सर्वे के लिए 46 साइट बनाए गए हैं। जिनमें से 23 स्थायी और 23 अस्थायी साइट होंगे। प्रत्येक साइट पर कम से कम 300 लोगों का सैंपल लिया जाएगा। ताकि लोगों में छुपे हुए फाइलेरिया के प्रसार दर का पता लगाया जा सके। डॉ शर्मा ने
बताया की जागरुकता फैलाकर ही फाइलेरिया के प्रसार दर पर रोक संभव है, क्युँकि फाइलेरिया हाथी पाँव से ग्रस्त होने पर व्यक्ति का जीवन अपंग के तरह हो जाता है, फाइलेरिया का इलाज सम्भव नहीं है, इससे बचने के लिए समय पर जाँच कराकर इसके परजीवी की पहचान करना जरूरी होता है। भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार व सत्यनारायण उरांव ने कहा की स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी,सहयोगी संस्था के कर्मी-स्थानीय मुखिया व जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क करते हुए फाइलेरिया के परजीवी की खोज हेतु नाइट ब्लड सर्वे में 20 वर्ष से ऊपर के आम लोगों के रक्त जाँच में भागीदारी हेतु सम्पर्क कर रहें है, ताकि नाइट ब्लड सर्वें का सफल संचालन हो सकें।जिला भीबीडीसीओ डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि रात में सैंपल लेने का मुख्य कारण है कि इस समय शरीर में फाइलेरिया के परजीवी ज्यादा एक्टिव होते हैं। उन्होंने बताया कि ब्लड सैंपल कलेक्शन के बाद 24 घंटे के अन्दर स्टैनिंग की प्रक्रिया करा ली जाएगी। वहीं जहाँ भी जाँच के दौरान माइक्रो फाइलेरिया दर 1 प्रतिशत या अधिक होगी। उन स्थानों पर 10 फ़रवरी से सर्वजन दवा सेवन अभियान की शुरुआत की जाएगी।
मौके पर डीसीएम नंदन झा, यूनिसेफ़ के जिला प्रतिनिधि धर्मेंद्र कुमार, पीसीआई के मनोज कुमार, सिफार के सिद्धांत कुमार, चंद्रभानु सिँह,पिरामल से सुमित कुमार, सुमन कुमार, केशव कुमार, धीरज कुमार व अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थें।
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