![लौरिया में 20 लाख रुपए से अधिक का बिका मांस,मछली व मुर्गा। लौरिया में 20 लाख रुपए से अधिक का बिका मांस,मछली व मुर्गा।](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgNIK-IMVZHvymc2AyxYNRiScnuZX6Jv3Qnr91Kl8YRnhbK43ejjJLMnH1dmcl0HlvgcIeRf7v5X9Vxno47vgpqzur-E_VY7zOlXpa36GmK2fJKrVFWl2B4NCDsiKIdOLdNfqZQjMgiZrHqGs0dtVb9rD8WA96YSVfmv5WStpFstmEHbc0bOvvA6-lwNB8/s320/IMG-20240101-WA0760.jpg)
लौरिया में 20 लाख रुपए से अधिक का बिका मांस,मछली व मुर्गा।
आशीष,जिला मीडिया प्रभारी,पश्चिमी चम्पारण बिहार।
बाहरी पर्यटकों ने सुबह से ही खरीदारी चालु कर दी थी।नया वर्ष और दिन सोमवार। मांसाहारी दिन । पिकनिक मनाने आए अधिकांशतः पर्यटकों में मांसाहारी ही खाने वाले दिखाई दिए। शाकाहारी पर्यटकों का पुरी तरह से अकाल था।जितने पर्यटक नंदनगढ़ और अशोक स्तंभ पिकनिक मनाने आए थे, उन सबको मांस, मछली और मुर्गे की जरूरत थी। लौरिया के चीकों ने अपने पूर्व के अनुभव का फायदा उठाते हुए इस बार पर्यटकों के लिए ट्रक से बकरा,बकरी,खस्सी व मुर्गा मंगाया था। इधर सुबह से ही पर्यटक चीकों के दुकानों पर मांस की खरीदारी के लिए उमड़ पड़े थे।कोई पर्यटक 5 किलो तो कोई दस किलो की खरीदारी कर रहा था। चीक भी ग्रहकों की मांग व भीड़ से अपनी खुशी को रोक नहीं पा रहे थे। चीकों ने भी बाहरी पर्यटकों के साथ बिना भेदभाव के सैकड़ों पर्यटकों को खस्सी के नाम पर बकरी परोसकर उनसे 6 सौ रुपया लेने में कोई गुरेज नहीं रखी। स्थानीय को खस्सी दिया, क्योंकि मांस नहीं गलने पर कहीं लेने के देने नहीं पड़ जाय। वहीं दूसरी ओर मुर्गा के दुकानदारों का भी बल्ले बल्ले रहा, हां थोड़ी कम भीड़ मछली के दुकानों पर थी। लेकिन साग सब्जी के दुकानदार नया वर्ष में जरूर ग्राहकों का इंतजार करते दिखे। सब्जी की दुकानें बंद थीं।
इस बावत चीकपट्टी में मांस दुकानदारों से बातचीत करने पर पता चला कि इस बार यहां पर करीब 20 से 25 लाख तक का मांस,मछली व मुर्गे की बिक्री हुई है। आज नया वर्ष में सबसे अधिक भीड़ और बल्ले बल्ले चीकपट्टी में ही रहा। असली खुशी नव वर्ष में चीकों के चेहरे पर ही देखने को मिला।
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